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Country’s economy benefits from Ram Mandir: अयोध्या में राम मंदिर का निर्माण कार्य लगभग पूरा हो चूका है. आने वाले 22 जनवरी 2024 को राम लाला की मूर्ति की प्राण प्रतिष्ठा की जाने वाली है। इस समारोह में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी समेत देश के हर क्षेत्र के बहुत से गणमान्य व्यक्ति मौजूद रहेंगे. साथ ही बहुत बड़ी संख्या में श्रद्धालुओं के पहुचने का अनुमान लगाया जा रहा है। लेकिन सवाल ये आता है कि मंदिर तो धार्मिक आस्था का केंद्र है ना! इससे देश की इकोनॉमी को क्या फायदा मिल सकता है? यहाँ हम इसी बात को उजागर करने जा रहे हैं। आगे पढ़ते रहिए..
क्या राम मंदिर का देश की इकोनॉमी से कोई संबंध है ?
इस मंदिर को बनाने के लिए ना जाने कितने ही लोगों ने अपना बलिदान दिया है और देश ने 500 सालों का इंतजार किया है. तब कहीं जाकर ये अनोखा अवसर आया है. ये सच है कि राम मंदिर हिन्दुओं के लिए बहुत बड़ा आस्था का केंद्र होगा। लेकिन इसका देश की इकोनॉमी से क्या लेना-देना है?
राम मंदिर बनने के बाद यहाँ लोग दर्शन करने आएंगे, क्यूकि इसके दो मुख्य कारण हैं। पहला, इस मंदिर के लिए लोगों ने सदियों का इंतजार किया है। और दूसरा, हिंदुओं के आस्था के केंद्र में हैं भगवान राम। इन दो कारणों की वजह से हर कोई यहाँ दर्शन करने आना चाहता है। मंदिर का उद्घाटन हो जाने के बाद यहाँ बहुत बड़ी संख्या में दर्शनार्थी पहुचेंगे।
वे आने-जाने, खाने और रहने जैसे बुनियादी जरूरतों के लिए खर्च करेंगे और इससे हजारों-लाखों लोगों को रोजगार मिलेगा। उनकी प्रति व्यक्ति आय बढ़ेगी। वहीं, देश की इकोनॉमी का सीधा संबंध होता है प्रति व्यक्ति आय से। जब प्रति व्यक्ति आय बढ़ेगी तो देश की इकोनॉमी को भी फायदा होगा, और इसकी वजह बनेगे यहाँ आने वाले श्रद्धालु।
राम मंदिर से देश को कितना फायदा हो सकता है ?
दरअसल, इस मंदिर की चर्चा और यहाँ जाने की चाह केवल प्राण प्रतिष्ठा समारोह तक ही सीमित नहीं है। बल्कि दर्शनार्थी आने वाले कई सालों तक यहाँ पहुचते रहेंगे। ठीक वैसे ही जैसे अन्य तीर्थ स्थलों पर दर्शनार्थी जाते हैं। पर्यटन विभाग ने अनुमान लगाया है कि प्राण प्रतिष्ठा के बाद अगले 2-3 वर्षों तक अयोध्या में रोजाना 3 लाख दर्शनार्थी पहुचेंगे। इस हिसाब से 2 से 3 सालों में लगभग 20 करोड़ लोग अयोध्या में भगवान राम के दर्शन करने जा चूकें होंगे।
यदि हर दर्शनार्थी औसतन 3 हजार रुपए भी खर्च करे तो 2 से 3 सालों में 20 करोड़ लोग औसतन 6 लाख करोड़ रुपये खर्च कर देंगे। यदि आपको ये राशि छोटी लग रही हो तो बात दें कि यह राशि वर्ष 2022-23 में भारतीय रेलवे के बजट से 8 गुणा ज्यादा है।
जब 3 साल में 6 लाख करोड़ रुपए अयोध्या के मार्केट तक पहुचेंगे, तो अयोध्या में कितने लोगों को रोजगार मिलेगा और उनकी आमदनी पर इसका क्या प्रभाव होगा ? आंकड़ों की बात करें तो आने वाले 3 सालों में अयोध्या में 5 से 10 लाख लोगों को डारेक्ट और इन डाइरेक्ट रोजगार मिलेगा।
विदेशी दर्शनार्थी भी पहुचेंगे और देश में आएगी विदेशी मुद्रा
ऐसे बहुत से लोग जो विदेशों में रहते हैं, जो इन दिनों सोशल मीडिया के माध्यम से राम मंदिर में दर्शन करने की चाह जाहीर कर रहे हैं। विदेशी पर्यटक वैसे ही अयोध्या में दर्शन करने पहुचेंगे जैसे काशी विश्वनाथ या अन्य तीर्थ स्थलों पर दर्शन करने आते हैं। और ऐसे विदेशी पर्यटकों की संख्या बहुत ज्यादा है। जब विदेशों से दर्शनार्थी भारत आएंगे तो देश में विदेशी मुद्रा आएगी। इस तरह विदेशी मुद्रा भंडार भी बढ़ेगा और स्थानीय लोगों से लेकर विभिन्न शहरों के लोगों को तरह-तरह के रोजगार अवसर भी मिलेंगे।
अयोध्या में स्थित कंपनियों को होगा हर प्रकार से फायदा
अयोध्या में आने वाली बड़ी भीड़ को संभालने के लिए ट्रैवल, हॉस्पिटेेलिटी और लोजिस्टिक सेक्टर से जुड़ी कंपनियां अपना कारोबार बढ़ा रही हैं, जिससे उनके शेयर की कीमतें बढ़ रही हैं। उदाहरण के लिए अयोध्या में मल्टीलेवल पार्किंग सुविधा बना रही कंपनी अपोलो सिंदूरी होटल्स के शेयर में पिछले हफ्ते 2 बार 20% का अपर सर्किट लगा है। वहीं, रेडिसन और टाटा ग्रूप अपने बड़े होटल प्रोजेक्ट्स पर काम कर रहे हैं, जिस कारण उनकी चर्चा हर तरफ है, और इसका सीधा संबंध उनके शेयर की कीमतों पर पड़ रहा है।
अयोध्या के आस-पास के 100 किमी के दायरे में सभी को मिलेगा प्रत्यक्ष या अप्रत्यक्ष रोजगार
जैसा कि हमने ऊपर बताया है कि आने वाले कुछ सालों तक रोजाना 2 से 3 लाख दर्शनार्थी अयोध्या पहुचेंगे, तो हर रोज इतने लोगों के आने-जाने के लिए यातायात से जुड़े लोग, ठहरने के लिए होटल या लॉज से जुड़े लोग, खाने की सुविधा देने के लिए बड़े रेस्टोरेंट से लेकर छोटे खाने-पीने की दुकानों तक से जुड़े हजारों लोगों को रोजगार मिलेगा।
दूसरी तरफ, अयोध्या शरह की अलग-अलग जरूरतों को पूरा करने के लिए तरह-तरह के सामानों की जरूरत पड़ेगी, जैसे खाद्य पदार्थ, फल, सब्जी, दूध आदि। इन्हें पूरा करने के लिए शहर के चारों तरफ के 100 किमी के दायरे से लेकर अलग-अलग शहरों को भी आपूर्ति के लिए काम करना पड़ेगा। इस तरह अनगिनत लोगों को नए-नए रोजगार के अवसर मिलेंगे।
अयोध्या राम मंदिर की वजह से एक इकोनॉमिक ईको सिस्टम बन जाएगा
राम मंदिर एक केंद्र बिन्दु बनेगा जिसके आस-पास एक इकोनॉमिक ईको सिस्टम बन जाएगा और इस सिस्टम से जुड़े असंख्य लोगों को किसी ना किसी रूप में आर्थिक लाभ मिलेगा। इकॉनमी के नजरिये से अयोध्या राम मंदिर का अनायास ही संबंध बन जाएगा।
अयोध्या और आस-पास के लोग अलग-अलग रोजगार से जुड़ेंगे, फिर चाहे वो छोटी सी दुकान चलाने वाले दुकानदार, छोटे व्यापारी, रेडी पर सामान बेचने वाले, यातायात साधन मुहैया कराने वाले लोग से लेकर बड़े व्यापारी, होटल इंडस्ट्री से जुड़े लोग और विमान-ट्रेन-बस-टेम्पो-रिक्शा आदि से जुड़े सभी लोगों की आमदनी बढ़ेगी. जब वहां के लोगों के पास पैसा आएगा, तब वे अलग-अलग चीजें खरीदेंगे और वो पैसा राज्य के इकॉनमी में घूमेगा। इस तरह पूरे देश की इकॉनमी को फायदा होगा.
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