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Constable Deepak Singh Became SDM, Achieved 20th Rank: इंसान चाहे किसी भी स्थिति में हो और कैसे भी हालातों को झेल रहा हो, अपने सपनों को पूरा करने की कोशिस नहीं छोड़नी चाहिए. दीपक सिंह ने इन बातों को सही साबित कर दिखाया है. यूपी के हरदोई में पुलिस विभाग में तैनात आरक्षी दीपक सिंह ने यूपीपीएससी की पीसीएस परीक्षा उत्तीर्ण कर ली है. दीपक ने यह परीक्षा प्रदेश में 20वीं रैंक हासिल करके पास की है और अब वो डिप्टी कलेक्टर का पद प्राप्त कर चुकें हैं. इस परीक्षा को उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में उत्तीर्ण कर लिया है, जो तारीफ के काबिल है।
परीक्षा को पास करने के पहले दीपक उत्तर प्रदेश पुलिस में नियुक्ति थे। साल 2018 में उन्हें उत्तर प्रदेश के हरदोई में पहली पोस्टिंग मिली थी और तब से वे उसी जगह अपनी सेवाएं दे रहे थे। दीपक सिंह के डिप्टी कलेक्टर बनते ही पुलिस महकमे में खुशी की लहर दौड़ पड़ी और सभी उन्हें बधाई देने के लिए फोन करने लगे। दीपक को तब सबसे ज्यादा आश्चर्य हुए जब पुलिस विभाग के आला अधिकारी उन्हें इस उपलब्धि के लिए फोन पर बधाई देने लगे।
खुद को मोटिवेटेड रखने के लिए बेड के पास बोर्ड पर लिखा था SDM
अपनी तैयारियों के समय के बारे में बताते हुए दीपक सिंह ने कहा कि, उन्होंने अपने बिस्तर के पास एक व्हाइट बोर्ड रखा हुआ था, जिस पर उन्होंने परमानेंट मार्कर से लिख दिया था SDM. उन्होंने ऐसा इसलिए लिखा था ताकि वे खुद को मोटिवेटेड रख सकें और अपने लक्ष्य को पाने के लिए प्रयास करते रहें। जब वे सोने जाते तो उन्हें बोर्ड पर एसडीएम लिखा दिखता था जो उन्हें और मेहनत करने के लिए प्रेरित करता था। और इसी प्रेरणा के दम पर वे सुबह पढ़ाई करते थे।
4-5 घंटे ही मिलते थे पढ़ने को
दीपक बताते हैं कि पुलिस की नौकरी के कारण उन्हें पीसीएस की पढ़ाई के लिए केवल 4-5 घंटे ही मिल पाते थे। वे किराए के 10 बाई 10 के कमरे में रहकर पढ़ाई करते थे.
अपने लक्ष्य को हासिल करने के लिए वे पुलिस लाइन में बनी लाइब्रेरी बहुत मेहनत करते थे और इस बात का सबूत वो खुद है, क्यूकि उन्होंने अपने पहले ही प्रयास में इतनी कठिन परीक्षा पास कर ली है।
अपने अभ्यर्थियों के लिए मूल्यवान सलाह देते हुए दीपक बताते हैं कि अगर कोई इस तरह की परीक्षा की तैयारी कर रहा है तो उसे सबसे पहले तो अपने लक्ष्य को सेट कर लेना चाहिए और सपने देखना शुरू कर देना चाहिए. जब सपने बड़े होंगे तो उन्हें पूरा करने के लिए खुद ही सफलता दौड़ी चली आएगी.
अधिकारी बनने में सभी का रहा श्रेय – दीपक
श्री सिंह बताते हैं कि इस कठिन परीक्षा को पास करके अधिकारी बनने के पूरे सफर का श्रेय वह, ईश्वर, अपने माता-पिता, अच्छे दोस्तों और परिवार को देते हैं। उन सभी ने किसी ना किसी रूप में उन्हें अपने मुकाम को हासिल करने में मदद की है।
अपने गांव से पहले अधिकारी है दीपक
दीपक सिंह जनपद बाराबंकी के छोटे से गांव सेमराय के रहने वाले हैं. इनके पिता अशोक कुमार सिंह एक किसान हैं जो खेती बाड़ी करते हैं। जबकि उनकी मां एक गृहणी हैं। अपने 5 भाई बहनों में दीपक दूसरे नंबर पर हैं.
दीपक बताते हैं कि उनके गांव व परिवार में वह पहले ऐसे शख्स हैं जिन्होंने सरकारी नौकरी पाई और अधिकारी बन गए. गांव में बेटे के अधिकारी बनने की खबर से परिवार की खुशी का ठिकाना ही नहीं रहा. उन्हें बधाई देने वाले लोगों का तांता लगा हुआ है। अंत में दीपक ने अपनी मेहनत के दम पर वो हासिल कर दिखाया है जो बहुत से अभ्यर्थियों के लिए एक सपना है। इस तरह दीपक सिंह उन सभी अभ्यर्थियों के लिए एक मिसाल बन चूकें हैं। 🟥
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