Join our Telegram and WhatsApp channels for frequent updates
WhatsApp Channel
Join NowTelegram Channel
Join NowGet the latest movie, celebrity updates, and our upcoming featured articles with just one click, straight to your mobile.
नारायण मूर्ति ने 70 घंटे के कार्य सप्ताह बयान का बचाव किया: सीएनबीसी-टीवी18 द्वारा आयोजित एक साक्षात्कार में इन्फोसिस के सह-संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति अपनी पत्नी सुधा मूर्ति शामिल हुए. 4 जनवरी को CNBCTV18INDIA के सोशल हैंडल पर जारी साक्षात्कार क्लिप में होस्ट द्वारा पूछे गए सवाल का जवाब देते हुए श्री नारायण मूर्ति ने अपने द्वारा युवा भारतीयों को 70 घंटे के कार्य सप्ताह वाले बयान पर अपनी राय साफ की.
क्या था बयान और यह विवाद क्यों बना
कुछ समय पहले इंफोसिस के सह-संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति ने एक पॉडकास्ट में कहा था, कि “मेरा अनुरोध है कि हमारे युवाओं को कहना चाहिए, ‘यह मेरा देश है। मैं सप्ताह में 70 घंटे काम करना चाहता हूं।” देश के एक प्रतिष्ठित व्यक्ति द्वारा ऐसा बयान आने के बाद काफी विवाद होने लगा.
दरअसल, यह बयान उद्योग जगत के शीर्ष पर बैठे लोगों के हित में था, लेकिन ऐसे उद्योग समूहों में काम करने वाले कर्मचारियों के काम और जीवन के संतुलन को बिगाड़ने वाला था. विभिन्न सेक्टरों के कर्मचारी उक्त बयान के पहले हफ्ते में 40 से 50 घंटे काम कर रहे हैं, जिसमें उनपर काम का अत्यधिक बोझ है. उसपर श्री मूर्ति के बयान से कॉर्पोरटे जगत द्वारा अपने कर्मचारियों द्वारा प्रत्येक हफ्ते 70 घंटे काम करने के लिए अप्रत्यक्ष रूप से दवाब आने लगा. इन कारणों से यह बयान एक विवाद बन गया.
साक्षात्कार में श्री मूर्ति द्वारा कही गई मुख्य बातें
साक्षात्कार में इंफोसिस के सह-संस्थापक एनआर नारायण मूर्ति कुछ समय पहले दिए विवादित बयान का दृढ़ता से बचाव करते नजर आये. अपना रुख स्पष्ट करते हुए श्री मूर्ति ने कहा कि देश के किसान और कारखानों में काम करने वाले कामगार कड़ी मेहनत करते हैं.
जबकि हम में से बहुत से लोगों ने अपनी शिक्षा के लिए सरकार से सब्सिडी ली है. इसलिए उन्हें कड़ी मेहनत करने वाले लोगों का आभार व्यक्त करते हुए अपना फर्ज निभाना चाहिए और देश के विकास के लिए अतिरिक्त मेहनत भी करनी चाहिए.
अपना मत स्पष्ट करते हुए उन्होंने कहा कि ‘यदि कोई मुझ से अधिक सफल है, चाहे वो मेरी फिल्ड से ना भी हो, तो मैं उन्हें बुलाऊंगा और उनसे पूछूंगा कि मैंने उक्त बयान में क्या गलत कहा ? वे आगे कहते हैं कि मेरे अनेक मित्र, देश तथा विदेशों में रहने वाले कई लोग और कई अच्छे व्यक्ति से उनकी इस बारे में बात हुई, और किसी एक ने भी किसी प्रकार की आपत्ति जाहिर नहीं की. वे सभी खुश हैं.’ इस प्रकार उन्होंने ये बताने की कोशिश कि की उन्होंने कुछ भी गलत नहीं बोला और जो भी कहा था वो तर्कसंगत था.
अपने जीवन का उदाहरण दिया श्री मूर्ति ने
उन्होंने अपने जीवन की कुछ बातें बताते हुए कहा कि मैंने अपने पेशेवर करियर के चार दशक तक वे हर हफ्ते 85-90 घंटे काम किया जिस समय के दौरान इंफोसिस सप्ताह में छह दिन काम करती थी। वहीं, अन्य समय में उन्होंने हर हफ्ते 70 घंटे काम किया हुआ है.
अपनी कठोर दिनचर्या के बारे में बताते हुए उन्होंने कहा कि “मैं साढ़े छह दिन ऑफिस जाता था। इलेक्ट्रॉनिक्स क्षेत्र में भी मैं साढ़े छह दिन काम करता था। और हर दिन मैं सुबह 6 बजे घर से निकल जाता था। मैं 6.20 बजे कार्यालय में रहूंगा। और मैं लगभग 8.15, 8.30 बजे तक चला जाता था।”
उन्होंने नेतृत्व करने के महत्व पर जोर देते हुए कहा, “एक बात का मैंने पालन किया है कि मैंने दूसरों को जो भी सलाह दी है, मुझे लगता है कि कुल मिलाकर मैंने उसका पालन किया है। मैंने खुद ऐसा किए बिना लोगों को सलाह नहीं दी है।”
उनकी पत्नी ने भी इस बात का समर्थन किया
सुधा मूर्ति ने अपने परिवार की पृष्टभूमि के बारे में बताते हुए होस्ट को बताया कि उनका परिवार चिकित्सा पृष्ठभूमि से संबंधित था. वे कहती हैं कि “मेरे पिता सप्ताह में 70 घंटे से अधिक काम करते थे। मेरी बहन एक डॉक्टर है। वह 70 घंटे से अधिक काम भी करती है। मूर्ति ने सप्ताह में 90 घंटे काम किया है।”
यह भी पढ़ें:
- भारतीय उद्योग जगत के कर्मचारियों को लेकर हुआ सर्वेक्षण, कर्मचारियों ने किये ये सभी खुलासे…
- 2024 के लिए 5 बिजनेस – इस साल शुरू कीजिये ये 5 बिजनेस, पैसों की होगी बारिश…
- विदेश घूमने का मौका दे रहा है IRCTC, जनवरी में बहुत कम कीमत पर यहां घूम सकते हैं…
- ठंड के महीनों में आग सेंकते हैं या धुप में बैठते हैं तो ये खबर आपके लिए है !!!
- Animal OTT Release Date: रणबीर कपूर की ‘एनिमल’ सिनेमाघरों के बाद ओटीटी पर इस दिन आ रही है, जानिए कितनी लंबी होगी फिल्म और अब तक का कलेक्शन